आबादी तबाही से गुजर रही है। घर में पानी घुसने के बाद सड़क पर रहने वाले लोग भोजन को भी तरस रहे हैं। दिन में भी यह आस लगी रहती है कि कोई मददगार आए। सरकारी व्यवस्था के भरोसे उनक... Read more
देश के प्रायः सभी हिस्सों में मास्क न लगाने के दृश्य आम हैं। दो गज की दूरी भी नहीं है। क्या हम आपदाओं को आदतन बुलाते हैं। सामूहिक व्यवहार में यह असावधानी क्यों। क्या स्वानुशासन के बग... Read more
बैरिया : यह कौन सी आफ़त मानव जाति पर आ गिरी है। डेढ़ साल गुज़र जाने के बाद, इंसानियत के अश्क बहने बंद नहीं हुए हैं। पहले बड़ी से बड़ी बीमारी होने पर भी, इन्सान इतनी जल्दी साथ नहीं छोड़ता था।... Read more
संसाधन के अभाव में रेफर हो जाते मरीज, रास्ते में ही हो जाती मौत। चिकित्सकों के अभाव में ही स्वास्थ्य सुविधाएं ज्यादा बदहाल। ग्रामीण क्षेत्रों के सीएचसी और पीएचसी की दशा भी नहीं है ठीक। बहुत... Read more