बलिया की लगभग 10 लाख की आबादी हर साल बाढ़ से तबाह होती है। किसी का घर गिर रहा होता है तो किसी का सबकुछ पानी में बह जाता है। घर में भोजन के भी संकट उत्पन्न हो जाते हैं। ऐसे समय में कोई सम्मान के साथ पीड़तों की मदद करे। उनके यहां भोजन पहुंचाए, लाइट की व्यवस्था करे। उनकी समस्याएं सुने। उसका निदान करे। इस सेवा को क्या कहेंगे, राजनीति या समाजसेवा। बाढ़ के दौरान बहुत से लोग पीडि़तों की मदद कर रहे हैं। उसी में से एक हैं बैरिया विधान सभा के सपा नेता सूर्यभान सिंह। उनकी ओर से हर दिन लगभग 5000 भोजन का पैकेट बाढ़ पीडि़तों में सम्मान के साथ बंटवाया जा रहा है। इस सेवा को बहुत से लोग राजनीतिक एंगल से देख रहें हैं, वहीं पीडि़त पक्ष पूरी टीम को दिल से दुआ दे रहा है। प्रस्तुत है बाढ़, तबाही, मदद और आज की राजनीति पर सपा नेता सूर्यभान सिंह का एक साक्षात्कार…।
सवाल : सूर्यभान जी बाढ़ के दौरान अपकी ओर से पीडि़तों के यहां हर दिन भोजन पैकेट पहुंचाया जा रहा है। यह सब कैसे मैनेज कर रहे हैं।
जवाब : पहली बात की मै स्वयं बाढ़ पीडि़त हूं। मेरे घर में भी पानी घुसा हुआ है। बाढ़ के दौरान घर की क्या दशा होती है, यह मै स्वयं महसूस करता हूं। ऐसे में मन में सेवा का भाव लिए बैरिया विधान सभा के लगभग 100 साथियों के साथ पीडि़तों की मदद में जुटा हूं। मै नहीं कहता कि हर किसी के घर हमारी टीम पहुंच रही है, लेकिन जहां पर ज्यादा तबाही है, वहां मै और मेरी टीम हर दिन पहुंच रही है। भोजन बनाने से लेकर, उसे पैकेट में बेहतर तरीके से पैक करने और सम्मान के साथ उसे वितरण करने के लिए अलग-अलग टीम की व्यवस्था है।
सवाल : आपकी इस सेवा को कुछ लोग राजनीतिक एंगल से देख रहे हैं। इस पर आप क्या कहना चाहेंगे।
जवाब : देखिए, समाज में कई तरह के लोग रहते हैं। किसी भी सेवा को वह अपने हिसाब से ही नाम देते हैं। यह सही है कि मै राजनीतिक आदमी हूं। समाजवादी पार्टी का एक अदना सा सिपाही हूं। बैरिया विधान सभा से टिकट का भी दावेदार हूं, लेकिन इन सबसे पहले मै मानव हूं और एक मानव होने का धर्म निभा रहा हूं। सच पूछें तो समाजवाद का स्वरूप भी यही है। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी भी यही कहते हैं कि सेवा के दम पर जनता के दिलों में अपना स्थान बनाना चाहिए। मै वहीं कर रहा हूं। अध्यात्मिक एंगल से भी मेरा मन कहता है, आपदा काल में सेवा से बढ़कर कोई पूजा नहीं है। इसे लोग राजनीति का नाम दें या कुछ और कहें, मै मानता हूं कि बाढ़ पीडि़त मेरे इस कार्य पर दुआ जरूर देंगे।
सवाल : बाढ़ और कटान से सुरक्षा के लिए हर सरकार में करोड़ों खर्च होते रहे, लेकिन तबाही नहीं रोक सके। इसे आप भ्रष्टाचार कहेंगे या दैवीय आपदा।
जवाब : आपका यह सवाल बहुत ही गंभीर है। माना कि यह दैवीय आपदा है, लेकिन इसी आपदा से सुरक्षित करने के लिए तो सरकारें हर साल करोड़ों रुपये खर्च करती है। इसके बावजूद तबाही का नजारा सामने हो तो उसे हम केवल भ्रष्टाचार नहीं, महा भ्रष्टाचार कहेंगे। सिंचाई विभाग के इन कार्यों की ईमानदारी से एसआइटी जांच हो जाए तो दुध और पानी अलग हो सकता है। मै इसकी मांग भी वर्तमान सरकार से लिखित रूप में किया हूं।
सवाल : यदि मै आपसे आपकी समाजसेवा को गिनाने को कहूं तो आप क्या कहेंगे।
जवाब : महोदय, मै सेवा करके उसे गिनाने का काम तो नहीं करता हूं, लेकिन आपने कुछ सोचकर यह सवाल पूछा है तो उससे भागना भी उचित नहीं है। मै नहीं कहता कि सभी का दुख कम कर देता हूं, लेकिन विधान सभा में जब भी कोई परिवार आपदा का शिकार होता है और वास्तव में उसे मदद की दरकार होती है तो उस घड़ी में मै बिना किसी से राय लिए पीडि़त परिवार की मदद में पहुंच जाता हूं। कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन के अभाव में बहुत से लोगों की जान चली गई। मै खुद पाजिटिव था, लेकिन लखनऊ से सीएचसी सोनबरसा के लिए आक्सीजन कसंट्रेटर और सिलेंडर भेजवाया ताकि अब कोई नुकसान न हो सके। इसके अलावा और भी बहुत से कार्य हैं जिसे मै अपने मुखारबिंद से नहीं कह सकता।
सवाल : बैरिया विधान सभा में यदि सपा आपको अपना उम्मीदवार बनाती है, आपको जनता यहां का विधायक भी बना देती है तो आप बैरिया के लिए प्रमुख कार्य क्या करेंगे।
जवाब : मै बहुत बड़ी बात तो नहीं कहूंगा, लेकिन इतना विश्वास जरूर दिलाता हूं कि विधान सभा में कटानरोधी कार्य इस तरह से नहीं होंगे। जहां कार्य होंगे, उन इलाकों को सुरक्षित करने की गारंटी भी जिम्मेदारों को देनी होगी। विधान सभा की हर सड़क चमचमाती मिलेगी। शिक्षा की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है, इस दिशा में भी बड़े बदलाव की हमारी सोच है। गांव की स्वास्थ्य व्यवस्था को संसाधनयुक्त बनाऊंगा ताकि किसी को जिला मुख्यालय पर जाने की जरूरत नहीं होगी। हमारे भाई जो बेरोजगार होकर अपने भाग्य और सरकार को कोस रहे हैं, उनके लिए भी सुव्यवस्थित प्लान है। सबसे बड़ी बात यह कि जनता यदि मुझे अपना आर्शीवाद देती है तो बैरिया में मै सर्वसमाज को एक साथ लेकर चलूंगा। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होने दूंगा।