गंगा की जलधारा को अविरल बनाए रखने के ऋषि मुनियों के प्रयास का जीवंत प्रमाण है ददरी मेला। गंगा के प्रवाह को बनाए रखने के लिए महर्षि भृगु ने सरयू नदी की जलधारा को अयोध्या से अपने शिष्य दर्दर म... Read more
सभी मानते हैं कि यह मेला राष्ट्रीय पहचान की आस में अब बुढ़ा हो चला है, अब इसके अस्तित्व पर भी संकट मंडराने लगा। बलिया के राजनीतिक लाल आज तक इस विख्यात मेले को राष्ट्रीय पहचान... Read more
राज्य सभा के उप सभापति बनने के बाद पहली बार अपने गांव गांव सिताबदियारा आए हरिवंश नारायण सिंह, इस बार भी अपनी सरलता का वही परिचय दे गए। वह जब भी गांव आए किसी को नहीं लगा कि वह किसी उच... Read more
सजधज कर तैयार हुए देवी मंदिर, घरों में भी पूजा की तैयारी। बाजार में पूजा सामग्री की खरीदारी के लिए रही चहल-पहल। कलश स्थापन का शुभ मुहूर्त दोपहर 11:37 से 12:22 तक। बलिया टुडे डेस्क : शरद नवरा... Read more
बिहार की एक युवती नेहा सिंह राठौर ने बिहार चुनाव से पहले एक गीत गाया है…बिहार में का बा। इस गीत ने भाजपा और नीतीश सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। जनता भी इस गीत को गुनगना रही है। इसके... Read more
हर गांव में मिल जाएंगे ऐसे लोग जो गांव के छोटे विद्यालय से पढ़कर ही बने बड़े अधिकारी। सच्ची निष्ठा से दायित्व निर्वहन नहीं होने के चलते ही बदनाम हो रहा यह गरिमामयी शिक्षक का पद। संस्कारयुक्त... Read more
गांव-समाज में अपनत्व के रिश्तों की कद्र करनी चाहिए। गांव वह स्थान है जहां हर वर्ग के लोग एक-दूसरे से दिल से अपनत्व की भावना रखते हैं। इस बात का एहसास तब होता है जब कोई परिवार... Read more
अतुल्य अयोध्या अयोध्या, जिसका शाब्दिक अर्थ है जिसे युद्ध में जीता ना जा सके। यह नाम पाषाण काल से ही अपने भविष्य की ओर संकेत कर रहा है,फिर भी इसे अनदेखा कर इसके भाग्य से छेड़छ... Read more
बलिया जनपद के बैरिया विधान सभा का उप नाम द्वाबा भी है। गंगा और घाघरा दो नदियों के बीच की धरती होने के चलते ही इसे सभी लोग आज भी द्वाबा के नाम से ही पुकारते हैं, लेकिन सरकारी दस्तावेजों में य... Read more
सर्व विदित है कि बलिया द्वाबा की माटी के ही चकिया निवासी प्रख्यात साहित्यकार डाॅ. केदारनाथ सिंह अब हमारे बीच नहीं हैं किंतु उनकी एक-एक कविताएं जो खास कर बागी धरती बलिया के भुगोल से जुड़ी हैं... Read more